जैसा की आप सभी को पता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह के सोमवार को मैन वर्सेस वाइल्ड शो के होस्ट बेयर ग्रिल्स के साथ नजर आए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और बेयर ग्रिल्स दोनों के बीच बहुत से मुद्दों पर बातें हुईं। आइये जानते है दोनों के बीच किस तरह की बातें हुई।
जब बेयर ग्रिल्स किसी जानवर से बचने के लिए भाला बना रहे थे तब प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा- ऊपर वाले के भरोसे छोड़ दीजिए, कोई दिक्कत नहीं होगी। जब मैं युवावस्था में था तब प्रकृति से प्रेम की वजह से मैं हिमालय में चला गया, काफी समय वहां बिताया।
बेयर ग्रिल्स- आपके कैरेक्टर पर इसका क्या असर पड़ा?
मोदी जी- आज भी वो ताकत और जूनून है।
बेयर- आप इस भाले को पकड़ लीजिए।
मोदी जी- मेरे संस्कार किसी को मारने की इजाजत नहीं देते, आपकी रक्षा के लिए इसे रखूंगा।
बेयर- चलिए मैं पकड़ लेता हूं।
बेयर- आपने पीएम बनने का सपना कब देखा था?
मोदी जी- मैं मुख्यमंत्री था, देशवाशियों ने तय किया कि मैं पीएम बनूं तो मैं यहां पर हूं। विकास के काम कर रहा हूं। लोगों के सपनों को अपना सपना बनाया है। 18 साल में पहली बार छुट्टी ली है।
बेयर-आपकी मां को आप पर गर्व होगा?
मोदी जी- 90 प्लस हैं अपना काम खुद करती हैं।
बेयर- मैंने सुना था कि आपने बचपन में एक अजीबोगरीब हरकत की थी?
मोदी जी- बचपन में नहाने के लिए तालाब में गया था। मगरमच्छ का बच्चा घर ले आए, मां ने कहा पाप है, ऐसा नहीं करना चाहिए, तब वापस जाकर छोड़ आया।
बेयर- नेचर में कोई चीज आपको डराती है?
प्रधानमंत्री जी- नेचर में भय होता ही नहीं है, अगर इसके साथ हमारा संघर्ष है, वही दिक्कत शुरू होती है। जब मैं छोटा था उस वक्त की बात है, जब पहली बारिश होती थी तब आर्थिक दिक्कतों के बावजूद हमारे पिताजी 25-30 पोस्टकार्ड अपने रिश्तेदारों को लिखते थे कि हमारे यहां बारिश हुई है। चिट्ठी लिखकर अपनों को देना, अब समझ में आता है। आज हमें पता चला कि उन्हें संतोष होता था कि आज बारिश हुई है, सबको बता दिया जाए। ये प्रकृति में उनकी रुचि थी। साथ ही हमारी सोच थी कि लकड़ी में जीव होता है इसलिए बेचेंगे नहीं। प्रकृति हमारे जीवन में सहज सोच है।
बेयर- जब आप नर्वस होते हैं, जैसे बड़ी रैली से पहले कैसे सामना करते हैं।
मोदी जी- मुझे इसका अनुभव कभी नहीं होता, हमेशा टेंपरामेंट पॉजिटिव ही रहा है, हर चीज में अच्छाई देखता हूं, कभी निराशा नहीं होती।