चेन्नई: भारत ने चांद पर अपने दूसरे मिशन चंद्रयान-2 को सोमवार को प्रक्षेपित कर दिया है। चेन्नई से 100 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र में चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण सोमवार 2:43 मिनट पर किया गया।
कुल लगभग42.4 मीटर लंबे और 640 टन वजनी GSLV M-3 का उपनाम फिल्म ‘बाहुबली’ के नाम पर रखा गया है। यह रॉकेट मिशन को पूरा करने के लिए 3.8 टन वजनी चंद्रयान-2 को साथ ले गया।
भारत के कदम चांद की सतह पर..
चंद्रयान-2 पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की लगभग 384,500 किलोमीटर की यात्रा तय करेगा। इस मिशन की खास बात यह है कि इस बार चंद्रयान चांद की सतह पर उतरेगा। चंद्रयान-2 मिशन चंद्रयान मिशन-1 से कई मायनों में अलग है। 2008 में लॉन्च हुआ चंद्रयान-1 चंद्रमा की कक्षा में गया जरूर था लेकिन वह चंद्रमा पर उतरा नहीं था। उसको सतह से 100 किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित किया गया था।
चंद्रयान-2 मिशन की लागत..
कब तक चलेगा मिशन?
22 जुलाई को लॉन्चिंग के बाद 6 सितंबर को चंद्रयान को चांद की सतह पर उतारा जाएगा। ISRO के अनुसार रोवर और लैंडर 14 दिनों तक ऐक्टिव रहेंगे।
चंद्रयान-2 मिशन का काम..
चंद्रयान-2 मिशन में चांद की सतह पर रोवर को उतारा जाएगा जो चांद की मिट्टी का विश्लेषण करेगा और साथ-साथ हिलियम-3 गैस की संभावना तलाशेगा। पहले मिशन ने पानी की खोज की थी, जो बड़ी उपलब्धि थी। यही वजह है कि भारत ने दूसरे मिशन की तैयारी की। चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा जहां उम्मीद है कि बहुतायत में पानी मौजूद हो सकता है।
दो महिला वैज्ञानिको ने किये सपने साकार..
सपनों को साकार करने में ISRO की दो महिला वैज्ञानिकों के रूप में एक नया नारी शक्ति का रूप देखने को मिला है।
ISRO की 2018-2019 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इसमें 2069 महिलाएं विज्ञान और तकनीकी श्रेणियों में कार्यरत हैं जबकि प्रशासनिक क्षेत्र में 3285 महिलाएं कार्यरत हैं।